सिंधु घाटी सभ्यता की कला || Arts of Indus Valley Civilization || Part-1 ||

सिंधु घाटी सभ्यता की खोज

इस सभ्यता की खोज सन् 1924 ई. में हुई और इसका श्रेय ‘सर जॉन मार्शल’ तथा ‘डॉ. अरनेस्ट मैक’ को दिया जाता है।

सिंधु घाटी सभ्यता के विशाल क्षेत्र में काली एवं लाल पकाई मिट्टी के बर्तन बनाने की कला का विशेष विकास हुआ है। इन बर्तनों पर मानवाकृतियाँ (मातृदेवी की मूर्तियाँ), वनस्पति, पशु -पक्षी,बैल, बारहसिंघा तथा मछली के परिष्कृत रूप तथा ज्यामितीय जिन पर गोल अर्धचन्द्राकार व तिरछी रेखाओं के आलेखनों का प्रयोग है (जो आदिम शैली जैसा है), इसके अतिरिक्त मोती-मनके एवं प्रसाधन सामग्री भी मिलती है। पुरात्तत्ववेत्ता इस सभ्यता को ‘मृतक पात्रों की सभ्यता’ भी कहकर पुकारते हैं।

इस प्रकार की सामग्री ‘भारत’ तथा ‘पाकिस्तान’ में ‘मोहनजोदड़ो’, ‘हड़प्पा’, ‘कुल्ली मेही’, ‘लोथल’, ‘झूंकर तथा झांगर’, ‘चन्दुदड़ो’,नामक स्थानों पर उत्खनन के पश्चात् प्राप्त हुई है।

प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद’ श्री कनिंघम’ ने सन् 1878 ई. में हड़प्पा टीले की खोज की थी, लेकिन वैज्ञानिक आधार पर टीले की खुदाई सन् 1921 ई. में ‘श्री दयाराम साहनी के निरीक्षण में कराई गयी थी और सन् 1922 ई. में स्वर्गीय ‘आर.डी. बैनरजी’ की अध्यक्षता में उत्खनन कार्य आरम्भ हुआ और लरकाना जिले में मोहनजोदडो (मुदों का टीला) व लाहौर और मुलतान के बीच हड़प्पा की खुदाई में एक विकसित सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए।

सन् 1954 ई. में ‘एस.आर. राओ’ की अध्यक्षता में कराये गये पुरातत्व विभागीय उत्खनन कार्य में इस प्रकार की सभ्यता के अवशेष कठियावाड क्षेत्र के ‘लोथाल नामक स्थान एवं ‘चन्हुदडों’ में भी प्राप्त हुए हैं। राजस्थान में ‘पीलीबंगा’ तथा ‘कालीबंगा की खुदाई में भी इसी प्रकार की प्राचीन सभ्यता के प्रमाणस्वरूप अनेक पात्र मिले हैं।

क्योंकि इस सभ्यता का विकसित रूप सिन्धु नदी के किनारे अनेक स्थलों की खुदाई में प्राप्त हुआ है, इसी कारण इस सभ्यता को ‘सिंधु घाटी सभ्यता‘ के नाम से पुकारा गया है।

सिंधु घाटी सभ्यता की कला का सुपरफास्ट रिवीजन

  1. हड़प्पा सभ्यता’ किसे कहते हैं –सिंधु सभ्यता को
  2. सर्व प्रथम उत्खनन कार्य किस स्थान पर हुआ – हड़प्पा
  3. ‘हड़प्पा सभ्यता’ के लोग किसकी पूजा करते थे – पशुपति
  4. सिंधु घाटी सभ्यता का आकार कैसा था – त्रिभुजाकार
  5. सिंधु घाटी की मोहरें बनी हैं –मिट्टी की
  6. सिंधु सभ्यता की सबसे प्रमुख विशेषता थी – नगर योजना
  7. हड़प्पा’ का संबंध है – इंडस वैली से
  8. सिंधु सभ्यता’ की खोज किसके निर्देशन में और किसने की थी – सर जॉन मार्शल के निर्देशन में राय बहादुर दयाराम साहनी तथा आर डी. बनर्जी ने
  9. ‘हड़प्पा-मोहनजोदड़ों’ किस सभ्यता से संबंधित है – सिंधु सभ्यता
  10. ‘सैंधव सभ्यता’ में कितने प्रमुख नगर थे – दो – (1) मोहनजोदडो (2) हड़प्पा
  11. ‘सैंधव-सभ्यता’ में प्राप्त पूर्ण परिपक्व प्रमाणिक कितने स्थलों को नगरों की संज्ञा दी जा सकती है – छः- (1)हड़प्पा (2) मोहनजोदड़ो (3) कालीबंगा (4) चन्हूदड़ो (5)लोथल (6) बनवाली
  12. हड़प्पा निवासी पूजा करते थे–पशुपति शिव की
  13. सिंधुवासी किस वृक्ष की पूजा करते थे-‘पीपल’ अथवा ‘बरगद’ की
  14. भारतीय कला का सबसे प्राचीन केंद्र है —सिंधु घाटी की सभ्यता
  15. हड़प्पा कालीन स्थलों में अभी तक किस धात् की प्राप्ति नहीं हुई है-लोहा
  16. ‘सैंधव सभ्यता’ प्रमुख रूप से प्रसिद्ध है- वास्तुकला के लिए
  17. हड़प्पा सभ्यता में किसकी उपासना सर्वाधिक प्रचलित थी–मातृदेवी
  18. सिंधु कालीन मुहरें किसआकार में हैं-चौकोर उत्कीर्ण
  19. हड़प्पा कालीन ‘मुहरें’ किस आकार की हैं – 2.8×2.8 से. मी.
  20. वर्तमान में भारत में खोजे गए हड़प्पा कालीन सबसे विशालतम नगर है- राखीगढ़ी ( हरियाणा)
  21. सैंधव सभ्यता’ के मुख्य खाद्यान थे-गेहूं और जौ
  22. घोड़े की अस्थियां’ कहां से प्राप्त हुई हैं – सुरकोटदा से
  23. सैंधव सभ्यता’ का भारत में दूसरा सबसे विशालतम नगर है- धौलावीरा (गुजरात के कच्छ में )
  24. सिंधु सभ्यता में परस्पर आलिंगन करते बंदरों का खिलौना,कुतरती हुई मुद्रा में बैठी गिलहरी, एक दुबका हुआ मेढक किस सामग्री से बना है –चीनी मिट्टी
  25. सैंधव सभ्यता कालीन स्थल ‘आलमगीरपुर’ कहां स्थित है ‌‌-उ.प्र. के मेरठ जिले में हिण्डन नदी के बायें तट पर
  26. सिंधु कालीन पकी मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण किस पद्धति से किया गया है-चिकोटी पद्धति
  27. ‘सैंधव सभ्यता’ प्रसिद्ध है-मूर्तिकला,वास्तुकला, चित्रकला सभी के लिए
  28. एक ‘कांसे की बैलगाड़ी‘ अथवा ‘इक्का’ (संग्रह : राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली) कहां से प्राप्त हुआ है- दायमाबाद (महाराष्ट्र)
  29. हड़प्पा सभ्यता के नगर कितने भागों मे विभाजित थे – दो -(1) पूर्वी टीला (2) दुर्ग
  30. हड़प्पा संस्कृति’ के अवशेष कहां स्थित हैं — पाकिस्तान
  31. ‘नगरीय सभ्यता’ का प्रथम उदाहरण कहां से मिलता है- मोहनजोदडो – हड़प्पा
  32. सर्वप्रथम मानव ने किस धातु का उपयोग किया- तांबा
  33. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं- ‘मेहरगढ़’ (पाकिस्तान) से
  34. सिंधू घाटी सभ्यता’ किस अवधि की है—2300 ई.पू.-1750 ई.पू.
  35. भारत में सर्वप्रथम नगरों का प्रादुर्भाव हुआ – सिंधु सभ्यता में
  36. हड़प्पा से प्राप्त ‘नटराज मूर्ति’ की ऊंचाई है – 3.6/8 इंच अथवा 3.7/8 इंच (9.2 सेमी.)
  37. नील नदी घाटी की सभ्यता’ (मिस्र) तथा ‘मेसोपोटामिया की सभ्यता (इराक) के समकालीन कौन-सी सभ्यता थी–सैंधव सभ्यता
  38. किस पुरास्थल से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं – मेहरगढ़ से
  39. वस्त्रों के लिए कपास की खेती का आरंभ सबसे पहले कहां किया गया- सिंथु सभ्यता’ (भारतीय उपमहाद्वीप)
  40. सिंधुघाटी की खुदाई में सर्वप्रथम किस स्थान से अवशेष प्राप्त हुए थे- हड़प्पा
  41. ‘हड़प्पा टीले’ का पता किसने और कब लगाया था- कनिंघम ने 1878 ई. में
  42. हड़प्पा में मिट्टी के बर्तनों पर किस रंग का प्रयोग हुआ है–लाल
  43. हड़प्पा की खुदाई कब और किसने आरंभ की थी – 1921 ई. में दयाराम साहनी ने
  44. स्त्री के गर्भ से निकलता हुआ पौधा (जिसे उर्वता की देवी माना गया है) कहाँ से प्राप्त हुआ है- हड़प्पा
  45. दायमाबाद के अलावा तांबे से बना इक्का’ और कहां से प्राप्त हुआ है-हड़प्पा
  46. हड़प्पा मुहरों पर सर्वाधिक अंकन हुआ है –एक श्रृंगी वृषभ का
  47. एक मुद्रा पर पैर में सांप को दबाए गरुण का चित्रण मिलता है– हड़प्पा से
  48. सिंधु सभ्यता में बहुरंग चित्रित पात्र (चाक पर निर्मित) कहां मिलते हैं- हड़प्पा
  49. पशु आकृतियुक्त मोहरें कहां पाई गई हैं – मोहनजोदड़ो में
  50. वर्ष 2016 की सिंधु घाटी सभ्यता को संदर्भित करने वाली विश्व की प्रथम फिल्म ‘मोहनजोदड़ों’ के निर्देशक कौन हैं- आशुतोष गोवारिकर
  51. ‘दुशाला ओढ़े योगी’ की मूर्ति किस खुदाई से प्राप्त हुई- मोहनजोदड़ो ( प्रस्तर मूर्तियों में सर्वश्रेषड)
  52. अग्निकुंड’ कहां से प्राप्त हुआ है– लोथल एवं कालीबंगा
  53. सैंधव सभ्यता से प्राप्त पात्रों पर चित्रकारी किस रंग से की गई है– काले रंग से
  54. ‘हड़प्पा लिपि’ थी-‘चित्रात्मक’ (Pictograph)
  55. हड़प्पा से प्राप्त ‘एक श्रृंगी वृषभ’ (सेलखड़ी) कहां सुरक्षित है- नेशनल म्यूजियम, नई दिल्ली
  56. सैंधव सभ्यता में अभिलेखयुक्त मुहरें सर्वाधिक मिलती हैं-हड़प्पा से
  57. ‘मूर्तिपूजा’ का आरंभ माना जाता है- हड़प्पा काल
  58. सिंधु काल में ‘मधुच्छिष्ट विधि’ (Lost-wax casting) का प्रयोग किस विधा में किया जाता था- धातु की मूर्ति बनाने में
  59. सिंधु सभ्यता से प्राप्त मोहरों पर आकृतियां किस प्रकार निर्मित हैं-उभ्भरी हुई
  60. भवनों के निर्माण में पकी ईटों का प्रयोग मिलता है- सैंधव सभ्यता से
  61. ‘टेराकोटा फिगरिन’ किसे कहते हैं- मृण्यूर्तिकाएं
  62. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में पाई गई सीलें किस माध में बनाई गई हैं-सर्वाधिक सेलखड़ी तत्पश्चात टेराकोटा से
  63. टेराकोटा मूति’ बनाई जाती है– पकी मिट्टी से
  64. तांबे से बने 424 यंत्रों के उदाहरण प्राप्त होते हैं-मध्य प्रदेश के गुनजेरिया से
  65. सिंध सभ्यता के लोग परिचित नहीं थे-तलवार से
  66. हड़प्पा सभ्यता की सर्वोत्तम कलाकृतियां हैं- मुहरें
  67. सैंधव सभ्यता में चित्रकला संबंधी सर्वाधिक जानकारी मिलतीहै–लाल रंग के बर्तनों पर की गई चित्रकारी से
  68. विश्व का सबसे प्राचीन नगर था-मोहनजोदड़ो
  69. मोहनजोदड़ो से प्राप्त ‘पुजारी की प्रतिमा’ ,सेलखड़ी पत्थर से निर्मित, 17.5 सेमी. (6.95 इंच) ऊंची, कहाँ संग्रह है : राष्ट्रीय संग्रहालय, कराची
  70. मोहनजोदड़ो की खुदाई किस पुराविद् ने और कब आरंभ की – राखालदास बनर्जी ने 1922 ई. में
  71. मोहनजोदड़ो से प्राप्त ‘स्नानागार’ की माप है- 11.88 मी. लंबा, 7.01 मी. चौड़ा और 2.43 मी. गहरा
  72. मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत ‘विशाल अन्नागार’ की माप है – 45.71 मी. लंबा और 15.23 मी. चौड़ा
  73. प्रथम धातु मूर्ति किस सभ्यिता से प्राप्त हुई है-सिंधु सभ्यता
  74. मोहनजोदड़ो अवधि की प्रसिद्ध नृत्य करती लड़की’ की मूर्ति है– कांसा
  75. मोहनजोदड़ो से प्राप्त ‘कांसे की नर्तकी’ की ऊंचाई है –10.5 से. मी. (4.1 इंच)
  76. मोहनजोदड़ो से प्राप्त नर्तकी की मूर्ति का समय है – 2700-2000 ई.पू.
  77. प्रथम कांस्य प्रतिमा किसकी है- नृत्यांगना
  78. मोहनजोदड़ो की नर्तकी किस तकनीक में कास्ट (ढाली) गई है- ढोकरा कास्टिंग
  79. ‘कालीबंगन’ कहाँ स्थित है – राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के बाएं तट पर
  80. मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान) से लगभग 130 किमी. द.-पू. में स्थित ‘चन्हुदडो’ की खोज कब और किसने की – 1934 ई. में एन.जी. मजूमदार
  81. कालीबंगन के भवन बने हैं – कच्ची ईंटों से
  82. मिट्टी का बना हल’ कहां से प्राप्त हुआ है – बनवाली
  83. 1935 ई. में ‘चन्हुदड़ो’ में उत्खनन कार्य किसने करवाया था-मैके ने
  84. बेलनाकार तंदूर’ कहां से प्रप्त हुआ है – कालीबंगन
  85. 1961 ई. में किसके निर्देशन में कालीबंगन में खुदाई की गई – बी. बी. लाल तथा बी. के. थापड़
  86. सैंधव कालीन किस स्थल से फर्श के निर्माण में अलंकृत ईटों’ का प्रयोग किया गया है- कालीबंगन
  87. बनवाली’ पुरातात्विक स्थल किस नदी के तट पर स्थित है-सरस्वती
  88. सैंधव काल की सबसे बड़ी उपलब्धि एक ‘जुते हुए खेत’ की प्रप्ति कहां से हुई है – कालीबंगन
  89. हरियाणा के हिसार जिले में स्थित बनवाली’ पुरास्थल की खोज किसने और कब की थी – आर. एस. विष्ट ने 1973 ई. में
  90. मोहनजोदड़ो से प्राप्त नर्तकी की मूर्ति’ (डांसिंग गर्ल) कहां सुरक्षित है – राष्टीय संग्रहालय, नई दिल्ली
  91. किस स्थान से प्राप्त एक सील पर तीन मुख वाले देवता ‘पशुपतिनाथ की सेलखड़ी मूर्ति’ मिली है, जिनके बांई ओर गैंडा व भैंसा तथा दाई ओर एक हाथी एवं व्याघ्र और बीच में दो हिरन हैं – मोहनजोदड़ो
  92. पुरातात्त्विक महत्त्व का स्थल ‘लोथल’ कहां स्थित है–गुजरात (भारत)
  93. भारतीय चित्रकला का प्राचीन केंद्र कहां है – गुजरात
  94. गुजरात के अहमदाबाद जिले में भोगवा नदी के तट पर स्थित ‘लोथल’ की खोज कब और किसने की थी – 1954 ई. में एस.आर, राव ने (परंतु उत्खनन कार्य 1955-1960 ई. के मध्य)
  95. ‘तांबे का हंस’ कहां से प्राप्त हुआ है – लोथल
  96. कहां से ‘बंदरगाह’ का साक्ष्य मिलता है—लोथल
  97. ‘मनके बनाने के कारखाने’ कहां से मिले हैं- लोथल और चन्हुदडो
  98. ‘शतरंज के बोर्ड के नमूने’ कहां मिले हैं – लोथल
  99. पंचतंत्र में उल्लिखित ‘धुर्त लोमड़ी‘ का अंकन कहां मिलता है-लोथल से प्राप्त एक मर्तबान (मिट्टी के पात्र) पर
  100. ‘युग्म समाधियां’ कहां से मिली हैं- लोथल एवं कालीबंगन से

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