भीमबेटका गुफा नोट्स-TGT PGT ART Notes

भीमबेटका गुफा महत्वपूर्ण नोट्स

भीमबेटका गुफा मध्य प्रदेश में भीमबेटका पहाड़ी में स्थित है| भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की वेबसाइट के अनुसार यहां पर लगभग 700 प्राचीन गुफाएं प्राप्त हुई हैं भीमबेटका के शैलचित्रों एवं शैलाश्रयों की खोज विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन के प्रोफ़ेसर विष्णु श्रीधर वाकडकर ने 1957 -58 ई. में की |

भीमबेटका की खोज तथा शोधकार्य के लिए डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर को भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से 1975 ई. में सम्मानित किया |

वर्ष 2003 ई. में भीमबेटका विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) घोषित किया गया

भीमबेटका की पाषाण गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं | गुफाएं चारों तरफ से विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई हैं | जिनका संबंध ‘नवपाषाण काल’ से है | भीमबेटका गुफाएं मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विंध्यांचल की पहाड़ियों की तराई में मौजूद हैं | इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियां आरंभ हो जाती हैं |

यहां 500 वर्गमील के क्षेत्र में 30 पर्वत श्रेणियों अवस्थित हैं,जिनकी समुद्र ताल से ऊंचाई 1365 फीट से 2000 फीट तक है | इन्हीं के ऊपर एक ट्रिग्नोमेट्रिक स्टेशन स्थापित किया गया था ,इन पर्वत श्रेणियों की शालाएं बलुआ पत्थर की हैं |

भीमबेटका में प्राप्त होने वाले शैल चित्र अधिकतर गुफाओं की दीवारों तथा उनकी छतों पर बने हुए दिखाई पड़ते हैं |

भीमबेटका का चट्टानी शरण-स्थल भोपाल से 45 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है | यूनेस्को ने भीमबेटका शैल चित्रों को विश्व वेराषट सूची में सम्मिलित किया है | इन गुफाओं में जीवन के विविध रंगों को पेंटिंग के रूप में उकेरा गया जिनमें हाथी,सांभर,हिरन आदि के चित्र हैं |

भीमबेटका से प्राप्त अधिकतर चित्र लाल या सफ़ेद रंगों में बने हैं | कुछ स्थानों पर हरे व पीले रंगों का प्रयोग भी दिखाई पड़ता है| रंगों को पत्थर पर घिसकर तैयार किया जाता था |

भीमबेटका के चित्र दो स्टार पर मिलते हैं | प्रथम स्टार के चित्रों में शिकार नृत्य,खिरण,बारहसिंगा ,सूअर,रीछ,जंगली भैंसे(Bison ) ,बाघ,हाथी एवं अस्त्रधारी घुड़सवार हैं | दूसरे स्टार पर मानवों को जानवरों के साथ अंतरंग चित्र के रूप में दिखाया गया है |

भीमबेटका से प्राप्त होने वाले चित्रों की विषय-वास्तु से मध्य पाषाणकालीन मानव-जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है | इनमें शिकार के दृश्यों की बहुतायत है,जिनमें से कुछ चित्रों में शिकारियों के मुख पर मुखौटा है |

भीमबेटका ,लखनियादारी और पंचमढ़ी भारत के प्रागैतिहासिक चित्रों के केंद्र के रूप में प्रसिध्द हैं | पंचमढ़ी के गुफाओं एवं शिलाओं से जो प्रागैतिहासिक चित्र प्राप्त हुए हैं, उनमें मुख्य रूप से पशु तथा आखेट दृश्य के अतिरिक्त आदिमानव के क्रिया-कलापों के चित्र मिलते हैं |

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भीमबेटका गुफा के महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न : भीमबेटका किस शहर के पास स्थित है ?
उत्तर: भोपाल

प्रश्न: भीमबेटका क्या है?
उत्तर: पहाड़ी (विंध्यन श्रेणी के अंतर्गत )

प्रश्न : भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पुरानी ज्ञात कलाकृति काईन -सी है ?
उत्तर: भीमबेटका पेट्रोग्लिफ्स

प्रश्न: भारत में सर्वाधिक संख्या में चित्र कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर: भीमबेटका शैलाश्रय

प्रश्न: भीमबेटका के किस शैलाश्रय को ‘जू-रॉक -सेल्टर’ (जंतु शैलाश्रय) कहा जाता है
उत्तर: शैलाश्रय संख्या -4

प्रश्न: भीमबेटका के किस शैलाश्रय संख्या में ‘मोर’ का अंकन हुआ है ?
उत्तर: शैलाश्रय संख्या -10

प्रश्न: भीमबेटका में प्राप्त होने वाले शैल चित्र अधिकतर कहाँ मिले है हैं?
उत्तर: दीवार व छत पर

प्रश्न: भीमबेटका के शैलचित्रों में सबसे अधिक कौन-सा रंग प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर: लाल (गेरू)

प्रश्न: भीमबेटका की शिला उत्कीर्ण चित्रकारी किस अवधि की है ?
उत्तर: मेसोलिथिक (मध्यपाषाण काल)

प्रश्न: भीमबेटका,लखनियादारी,पंचमढ़ी किस लिए प्रसिध्द हैं ?
उत्तर: प्रागैतिहासिक चित्र के लिए

प्रश्न: भीमबेटका के किस शैलाश्रय संख्या में एक ‘विशालकाय वराह’ (जंगली सूअर) का अंकन हुआ है ?
उत्तर: शैलाश्रय संख्या -15

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